मेरे मम्मी पापा की wedding anniversary है तो लिखना तो पडेगा
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मेरेविचार
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आपको पता तो है मै लिखने मे आलसी हू। पर चुकी मेरे मम्मी पापा की wedding anniversary है तो लिखना तो पडेगा ही क्यो कि मिताली जिद्द कर रही थी। सबसे पहले आपको सभी को मेरा प्रणाम एवम आप सभी का आभार कि हमारी खुशी मे आप सामिल हुऐ और हमे बर्दास्त किया।
चुकी पापा कि यह नई ब्लोगिग दुनिया घर परिवार जैसी ही लग रही है। आप सभी का एक दुसरो के प्रति स्नेह, लगाव, देख अच्छा लगता है। आप सभी ब्लोगवासी एक दुसरो के दुख सुख मे भागीदार बनते है यह भी एक नई व्यव्स्था का सुत्रपात है।
पापा मम्मी के बारे मे मेरी छोटी बहन मिताली ने पापा के ब्लोग "हे प्रभु यह तेरापन्थ" पर बाते कर गई है। उसे कुछ ज्यादा ही बोलने का शोक है कुछ बोल गई हो तो उसे बच्चा समझ क्षमा कर देना।
चुकी पापा कि यह नई ब्लोगिग दुनिया घर परिवार जैसी ही लग रही है। आप सभी का एक दुसरो के प्रति स्नेह, लगाव, देख अच्छा लगता है। आप सभी ब्लोगवासी एक दुसरो के दुख सुख मे भागीदार बनते है यह भी एक नई व्यव्स्था का सुत्रपात है।
पापा मम्मी के बारे मे मेरी छोटी बहन मिताली ने पापा के ब्लोग "हे प्रभु यह तेरापन्थ" पर बाते कर गई है। उसे कुछ ज्यादा ही बोलने का शोक है कुछ बोल गई हो तो उसे बच्चा समझ क्षमा कर देना।
पापा कि शादी बडी ही मुश्किल धडी मे हुई थी जैसा की मेरे बडे पापा बताते है - २० मई १९९१ रात्री ११:३५ मुम्बई वी टी से २५० बराती के साथ ट्रेन द्वारा मद्रास के लिऐ रवाना हुऐ। सभी बडे ही खुश थे। २० कि रात २१ कि सुबह शाम ट्रेन मे मोज मस्ती से गुजरी। सभी बराती भी खुश थे। पापा तो होगे ही क्यो कि वो मम्मी को लेने जा रहे थे। यह ट्रेन मुम्बई से मद्रास पहुचने मे ३० घन्टा लेती है। यानी २२ मई को सुबह ५ बजे मद्रास सैन्ट्रल पर पहुचने वाली थी। २१ मई रात्री ११:१५ कोई अन्तरक्षी खेल रहा था , पापा के दोस्त ताश खेल रहे थे। बच्चे सो गऐ थे। तभी बडे पापा को सुचना मिली कि चन्नैई मे राजीव गान्घी की हत्या हो गई। कल २२ मई कि शादी है । बरात कडप्पा स्टेशन के आसपास चल रही थी। सभी के चेहेरे तनाव ग्रस्त थे। क्या होगा कैसे होगा। कैटरिग व्यव्स्था का खाना पिना भी यहॉ अन्तिम था. क्यो कि २१ मई रात का खाना तो हो चुका था। २२ मई सुबह ५ बजे तो बरात मद्रास पहुचने ही वाली थी। रात्री का समय था ज्यादातर लोगो को राजीवजी कि हत्या कि खबर देर- सवेर लगी हो इसलिऐ ट्रेन चलती रही कही रुकी नही। सभी लोग भगवान का नाम ले रहे थे । बडे पापा ओम भिक्षु जय भिक्षु कि माला गिन रहे थे। मद्रास से ठिक तीन धन्टे पुर्व तिर्थनी स्टेशन पर ट्रेन रात्री २ बजे आकर रुकी। रुकी तो ऐसी रुकी की सुबह हो गई दोपहर हो गई शाम हो गई ट्रेन चलने का नाम नही ले रही है। प्लेट फार्म खाली पडे है। दुकाने बन्द। कुछ लोगो के टोले चिल्लाते भागते हुऐ देखे जा सकते है। हमारी खाने पिने कि व्यवस्था भी खत्म हो गई थी। स्टेशन पर ना बिस्किट पानी कुछ नही। बच्चे भुख प्यास से रो रहे थे। पुरे के पुरे बराती भयन्कर टेशन मे, अब क्या होगा ? शादी होगी के नही ? बरात मद्रास पहुचेगी के नही। खाने-पिने का क्या ? २५० आदमीयो कि क्या व्यव्स्था ? बडी ही दुविधा लग गई। फोन बन्द हो गऐ थे। लडकि वालो से सम्पर्क नही हो रहा था। मद्रास के क्या हालात है ? सभी बाते अन्धेरीगलियो कि तरह लग रही थी। आखिर भुख प्यास से बिलखते बच्चो के लिऐ बैगलोर वाले भुरोसा कुछ कैटरि वालो के साथ तिर्थनी गॉव मे जाने का फैसला किया। सभी मे घबराहट थी। स्टेशन के बहार पहुचे सामने दुकानो मे से धुआ निकल रहा था। सडके सुन सान थी। सामने गली मे से आतकियो का झुन्ड दिखा , भुरोसा एक हाथ गाडी के सहारे छुप गऐ। छुपके छुपाते आखिर गॉव मे एक स्थानिय राजस्थानी परिवार के मुख्या से मिले जो वहॉ के तलेवर (नेता) भी थे, उन्को बताया कि किस तरह २५० बराती उनके गॉव के स्टेशन पर कल रात से फसे हुऐ पडे है भुखे प्यासे है। बच्चो के लिऐ दुध बिसिकट तक नही है । स्थानिय भाई ने कहा आप चिन्ता मत करो अब आप हमारे मेहमान हो। उनके घर पर २५० बरातियो के लिऐ चावल दाल एवम बच्चो के लिऐ ३-४ लिटर दुध बिस्किट पानी का इन्तजाम किया एवम अपने १० कार्यकर्ताऔ को साथ लेकर बरातीयो को खाना खिलाया। ऐसे महान लोगो को मै प्रणाम करता हू। भुरोसा ने उनको खाने के पैसे भी देने कि कोशिश की पर वो नारज हो गऐ। यह हमारा सोभाग्य है कि आप ने हमे सेवा का मोका दिया।
कैसे भी करके २२ मई को शाम ५-६ कि बिच ट्रेन चन्नैई सैन्ट्रल पहुची। तीन चार एम्बुलेन्स के माध्यम से बरातीयो को पापा के साथ लडकी वाले ट्रिपलिकेन तेरापन्थ भवन ले गऐ। हेमामालिनी शत्रम (वाडी) को रात मे ही खाली करना पडा। लाखो रुपऐ नानाजी के वेस्ट हो गऐ। पुरा डेकोरेशन, भोजन नास्ता, मिठाईया बसो, बेन्ड पार्टी, घोडी, VGP खाना सभी तो बरबाद हो गया था। जैसे तैसे बिना घोडी चढे पापा का विवाह हुआ। २३ मई को पापा मम्मी को लेकर बरातीयो के साथ सकुशल मुम्बई पहुचे। उस दिन मद्रास मुम्बई सहित कई जगहो पर शादीया रद्द हुई, बराते वापिस गई पर पापा मम्मी के साथ ऐसा नही हुआ। इसलिऐ आज मम्मी पापा को happy wedding anniversar॥
आप सभी को मैने बोर किया होगा॥॥॥॥।प्लिस माफ कर देना. tankx
फिर मिलेगे जी
प्रणाम
जयेश
कैसे भी करके २२ मई को शाम ५-६ कि बिच ट्रेन चन्नैई सैन्ट्रल पहुची। तीन चार एम्बुलेन्स के माध्यम से बरातीयो को पापा के साथ लडकी वाले ट्रिपलिकेन तेरापन्थ भवन ले गऐ। हेमामालिनी शत्रम (वाडी) को रात मे ही खाली करना पडा। लाखो रुपऐ नानाजी के वेस्ट हो गऐ। पुरा डेकोरेशन, भोजन नास्ता, मिठाईया बसो, बेन्ड पार्टी, घोडी, VGP खाना सभी तो बरबाद हो गया था। जैसे तैसे बिना घोडी चढे पापा का विवाह हुआ। २३ मई को पापा मम्मी को लेकर बरातीयो के साथ सकुशल मुम्बई पहुचे। उस दिन मद्रास मुम्बई सहित कई जगहो पर शादीया रद्द हुई, बराते वापिस गई पर पापा मम्मी के साथ ऐसा नही हुआ। इसलिऐ आज मम्मी पापा को happy wedding anniversar॥
आप सभी को मैने बोर किया होगा॥॥॥॥।प्लिस माफ कर देना. tankx
फिर मिलेगे जी
प्रणाम
जयेश
यह वो ही ट्रेन है जिसमे पापा की बरात गई थी {२} मेरे फोटू मम्मी के साथ
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Sameer Lal
आपके मम्मी पापा को शादी की सालगिरह मुबारक हो. बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाऐं.
आप दोनों बच्चों को भी बहुत बधाई. आपके पापा के बारे में इस दिवस विशेष पर इतना जानना अच्छा लगा.
(mumbai tigers पर टिप्पणी देने का प्रयास असफल रहा, न जने क्या बात है)
बहुत बढ़िया..फटाफट ठीक हो गया. यू आर जिनियस, जयेश. शुभकामनाऐं.
आपके मम्मी पापा कप ढेर सारी बधाईयाँ।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत अच्छा लिखा। आपके मम्मी-पापा को शादी की सालगिरह की बधाइयां!
दुलहनिया ले ही जायेँगेँ !
ये आपके मम्मी पापा जी
शादी "जय भिक्खु " के रटण और आशिष से सम्पन्न हुई येही बडी बात हो गई -
चि. जयेश व मीताली आपको मम्मी पापा के साथ ढेरोँ बधाईयाँ
- लावण्या
आपके मम्मी-पापा की वैवाहिक वर्ष-गाँठ पर बधाई एवं शुभकामनाएँ।
aapke mammi aur papa ko shadi ki salgirah mubarak ho
्बहुत शुभकामनाऐं..
रोंगटे खडे करने वाली कहानी... बधाई.
आज ये बात पढ़ कर अजीब लग रही है लेकिन जिनके साथ ये सब हुआ उनपर क्या गुजरी होगी इतने घंटों भूखे प्यासे रेलवे स्टेशन बिताने की पर सोच कर ही सिहरन होती है...आप के मम्मी डैडी की शादी सच बहुत ही विपरीत परिस्तिथियों में हुई...जो हुआ सो हुआ...इश्वर से प्रार्थना करते हैं की उनका दाम्पत्य जीवन सुख पूर्वक गुज़रे...आप सब सुखी रहें...
नीरज
bahut badhai...
apke papa-mammy ki shadi ka kissa shandar...
आपके मम्मी-पापा को उनके विवाह की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई
आपके मम्मी-पापा को शादी की सालगिरह की बधाइयां!
आप सभी का आभार । आपने मम्मी पापा के लिऐ शुभकमानाऐ दी।
सभी अन्कल एवम आन्टीजी ने मुझे शुभ आशिष दिया। मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे मिलकर। अगर कभी समय मिला तो आपसे मिलने बाते करने फिर आना चाहुगा। प्रणाम
जयेश
सब कुछ आराम से हो जाए तो मजा ही क्या? मम्मी-पापा को उनकी एनवर्सरी की बहुत बहुत बधाई....
बहुत बहुत बधाई मित्र
bahut bahut badhaai aur saath mein sundar bhi .
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