आओ रंग ले हम तन-मन
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होली
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आओ रंग ले हम तन-मन,
रंग-रंगीली होली के संग में.
भूल कर भूत की भूलो को,
मिल ले गले आज सभी संग में..
ऐसा जीवंत कोई पर्व नही,
दुनिया जहांन में.
धन्य मानो अपने जीवन को-
कि तुम पैदा हुए हिन्दुस्थान में ..
भूल भाषा, धर्म, जाती,-
क्षेत्र ओर समाज के सवाल को .
टूटे दिलो को जोड़ लो,
उठा लो अबीर ओर गुलाल को.
आओ चले मिलकर फिर,
उसी पुराने रंग ओर ढंग में.
हम एक थे, हम एक है,
आती है आवाज यही होली में.
प्रस्तुति -: प्रेमलता एम्. सेमलानी
9 comments
bahut bahut bahut sundar kavita..aaj isse jtada nahi kah paa rahe hain ham..haan nahi to..!!
Holi ki bahut bahut shubhkaamna..!!
Bahut sundar rango se saji rangeen rachana...aabhar!
holi ki shubhkaamnaae!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
रंगों में सराबोर हुये, इस बार होली में
घर से जो हुये बाहर, इस बार होली में !
जल के राख हो , नफरत की होलिका
आल्हाद का प्रहलाद बचे , इस बार होली में !
हो न फिर फसाद , मजहब के नाम पर
केसर में हरा रंग मिले ,इस बार होली में !
छूटे न कोई अरमान , रंग इस तरह मलो
छेड़ो रगों में फाग , इस बार होली में !
इक रंग में रंगी सेना , अच्छी नहीं लगती
खूनी न हों अंदाज , इस बार होली में !
BAHUT SUNDAR BHAV.....HAPPY HOLI.
होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
holi ki bahut shubhkaamnaye is sundar vicharo ke saath ,sach hai bharat par garv hai .
रंगोत्सव पर रंगभरी रंगारंग शुभकामनाएं ।
सुन्दर ..मनोहर....
होली की ढेरों ....शुभकामनाएं,,
सेमलानी जी को धन्यवाद व सभी को होली की मंगलकामनाएं
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